कंपनी और शीर्ष अधिकारियों पर अनुपालन उल्लंघनों को लेकर कार्रवाई
भ्रामक घोषणाओं के कारण उर्जा ग्लोबल पर SEBI की सख्ती
उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स न्यूज़ एक्सक्लूसिव
मुंबई: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने उर्जा ग्लोबल लिमिटेड और उसके शीर्ष अधिकारियों पर भ्रामक खुलासों और कई अनुपालन उल्लंघनों के चलते 90 लाख रुपये का सामूहिक जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई बाजार में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखने की SEBI की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पृष्ठभूमि
SEBI द्वारा अप्रैल 2018 से अगस्त 2019 के बीच की गई जांच में खुलासा हुआ कि उर्जा ग्लोबल ने झूठी और भ्रामक घोषणाएं की थीं। विशेष रूप से, कंपनी ने जापान की निप्पॉन शिन्याकू कंपनी लिमिटेड के साथ एक कथित समझौते का दावा किया था। कंपनी ने कहा था कि उसने ज़ैकॉबाइट नामक उत्पाद की आपूर्ति के लिए यह समझौता किया है। हालांकि, 5 सितंबर 2019 को निप्पॉन शिन्याकू ने एक ईमेल में स्पष्ट रूप से किसी भी ऐसे सौदे से इनकार किया। कंपनी ने कहा कि न तो निप्पॉन शिन्याकू और न ही उसके किसी निदेशक, जिसमें प्रोफेसर युकियो सुगिउरा भी शामिल हैं, ने उर्जा ग्लोबल के साथ कोई समझौता किया है।
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दंडात्मक कार्रवाई
इन उल्लंघनों को देखते हुए, SEBI ने उर्जा ग्लोबल और उसके चार अधिकारियों – योगेश कुमार गोयल, सुनील कुमार मित्तल, प्रिया भल्ला और अविनाश कुमार अग्रवाल – को दो साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा, कंपनी को अगले तीन वर्षों तक अपने कॉर्पोरेट घोषणाओं के लिए एक प्रैक्टिसिंग कंपनी सेक्रेटरी से प्रमाण-पत्र प्राप्त करने का आदेश दिया गया है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में सभी घोषणाएं सूचीबद्धता दायित्वों और खुलासा आवश्यकताओं (LODR) विनियमों का पालन करें।
विश्लेषण
स्प्राउट्स न्यूज़पेपर की विशेष जांच टीम ने SEBI के आदेश के प्रभावों की गहराई से जांच की। यह कठोर दंड SEBI की निवेशकों को गुमराह करने वाले संस्थानों के प्रति जीरो-टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। इस प्रकार की सख्त कार्रवाई के जरिए SEBI बाजार की पारदर्शिता बनाए रखना और निवेशकों के हितों की रक्षा करना चाहता है।
इसके अलावा, उर्जा ग्लोबल के लिए कॉर्पोरेट घोषणाओं की प्रमाणिकता प्रमाणित कराने की अनिवार्यता अन्य कंपनियों के लिए एक मिसाल कायम करेगी। इससे सार्वजनिक घोषणाओं में सावधानी और सटीकता पर ज़ोर बढ़ेगा, जिससे बाजार में पारदर्शिता और निवेशकों का विश्वास बहाल होगा।
स्प्राउट्स न्यूज़पेपर की विशेष जांच टीम इस मामले की आगे की प्रगति पर नजर बनाए रखेगी और SEBI की प्रवर्तन कार्रवाई से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी निवेशकों तक पहुंचाती रहेगी।