• हिंदुत्व संगठनों की मांग – पानसरे मुकदमे को कोल्हापुर से बाहर ट्रांसफर किया जाए
उन्मेष गुजराथी
Sprouts Exclusive
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कॉमरेड Govind Pansare हत्याकांड में गिरफ्तार छह आरोपियों को जमानत दे दी है। इस फैसले का हिंदुत्व संगठनों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि इन आरोपियों को सुनियोजित साजिश के तहत फंसाया गया ताकि “हिंदू आतंकवाद” का फर्जी नैरेटिव गढ़ा जा सके।
हिंदुत्व नेताओं का आरोप है कि तथाकथित तर्कवादी और सेक्युलर समूहों ने इस मामले को जानबूझकर लटकाया और न्यायपालिका व पुलिस पर दबाव बनाया। उनका कहना है कि पानसरे परिवार ने मीडिया में लगातार भ्रामक बयान देकर यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि हिंदुत्व कार्यकर्ताओं को जमानत न मिले और वे जेल में ही रहें।
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इस तरह के दबाव और रुकावटों को देखते हुए, हिंदुत्व संगठनों ने न्यायपालिका से अनुरोध किया है कि इस मुकदमे को कोल्हापुर से किसी निष्पक्ष स्थान पर ट्रांसफर किया जाए। सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक ने इस मांग को उठाते हुए कहा, “अगर यह मुकदमा कोल्हापुर में चलता रहा, तो तर्कवादी न्याय की राह में रुकावटें पैदा करते रहेंगे।”
वर्तक ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले का उदाहरण देते हुए कहा, “पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को कानूनी सहायता दी गई थी, लेकिन इन निर्दोष हिंदू युवाओं को उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित कर दिया गया। तथाकथित तर्कवादियों ने इन्हें जेल में बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया। आज, छह साल बाद, इन सभी हिंदुत्व कार्यकर्ताओं को जमानत मिल गई है, और इसके लिए हम ईश्वर का आभार प्रकट करते हैं।”
Sprouts इन्वेस्टिगेशन टीम इस मामले की शुरुआत से ही गहराई से जांच कर रही है। Sprouts ने लगातार उन झूठे नैरेटिव्स को उजागर किया है जिनके तहत हिंदुत्व कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया। Sprouts की स्वतंत्र जांच में यह सामने आया है कि तथाकथित तर्कवादियों और सेक्युलरिस्टों ने कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर न्याय में देरी की।
Sprouts इस मामले में आगे भी अपडेट देता रहेगा और सच्चाई सामने लाने का प्रयास करेगा। अब देखना यह होगा कि न्यायपालिका पानसरे हत्याकांड के मुकदमे को कोल्हापुर से बाहर स्थानांतरित करने की मांग पर क्या निर्णय लेती है।