उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स एक्सक्लूसिव
Edelweiss ग्रुप एक बार फिर चर्चा में है- उसी कारण से जिसके लिए इस वित्तीय कंपनी का नाम बॉलीवुड आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई ने अपने सुसाइड नोट में लिया था। महाराष्ट्र स्थित अपने स्टूडियो में आत्महत्या करने वाले देसाई ने आरोप लगाया था कि Edelweiss एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (EARC) ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, जिससे वह अपनी जान लेने के लिए मजबूर हो गए। कंपनी ने उनके व्यवसाय द्वारा लिए गए ऋण की वसूली के लिए यह हरकत की थी।
अब मुंबई की व्यवसायी दलजीत कौर का कहना है कि Edelweissने उन्हें आत्महत्या के कगार पर धकेल दिया है। स्प्राउट्स को यह भी पता चला है कि हाल ही में वे अकेली शिकार नहीं हैं।
धोखा, जालसाजी और धमकी
दलजीत कौर का आरोप है कि उन्हें ठगा गया, उनके दस्तावेज़ों के साथ छेड़छाड़ की गई, और जब उन्होंने आवाज उठाई तो उन्हें धमकाया गया।
Edelweiss हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (अब नीडो होम फाइनेंस लिमिटेड) से होम लोन लेने वाली कौर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा:
“कंपनी के अधिकारियों द्वारा रोज़ाना प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे मैं आत्महत्या के कगार पर पहुंच गई हूँ। मैंने कई बार शिकायत विभाग को ईमेल भेजे हैं। मुझे न्याय चाहिए, क्या कोई मदद कर सकता है?”
सवाल यह उठता है:Edelweissपैसे उधार देने का काम कर रही है या बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी कर रही है?
नितिन देसाई मामले में भी Edelweissपर लगे थे गंभीर आरोप
आत्महत्या से ठीक पहले छोड़े गए वॉयस नोट्स में, नितिन देसाई ने Edelweiss ARC की भ्रष्ट गतिविधियों की ओर इशारा किया था। स्प्राउट्स की विशेष जांच टीम (SIT) का मानना है कि यदि एडेलवाइस का लाइसेंस तुरंत रद्द नहीं किया गया, तो कई अन्य कॉर्पोरेट पेशेवरों को देसाई और अब कौर जैसी ही स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
नितिन देसाई मामले में, कंपनी के दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और 34 (सामूहिक आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाए गए हैं। यह शिकायत देसाई की पत्नी ने दर्ज कराई थी। इसके बाद, स्प्राउट्स SIT को पता चला कि Edelweiss ने कई अन्य कॉर्पोरेट पेशेवरों को भी अपने जाल में फंसाया है।
फर्जी दस्तावेज़ और संकट में संपत्ति
दलजीत कौर के संघर्ष की शुरुआत तब हुई जब उन्होंने Edelweiss से होम लोन लिया। नीडो होम फाइनेंस लिमिटेड ने उनके दस्तावेज़ जमा करने के बाद लोन को मंजूरी दी। लेकिन इसके बाद कंपनी ने उनके दस्तावेज़ों के साथ छेड़छाड़ की और बिना लोन जारी किए ही EMI काटनी शुरू कर दी। कौर ने बताया कि कुल पाँच EMI काट ली गईं। जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई, तो कंपनी ने आश्वासन दिया कि आगे चलकर इसे समायोजित कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इसके विपरीत, कौर के अनुसार, कंपनी ने उन्हें लगातार अलग-अलग तरीकों से ठगना जारी रखा।
“इस सबके कारण मैं मानसिक रूप से बेहद परेशान हूँ और आत्महत्या के विचार आ रहे हैं,” कौर ने स्प्राउट्स से कहा।
उन्होंने Edelweiss ग्रुप के चेयरमैन राशेष शाह (जो नितिन देसाई केस में भी आरोपी हैं) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार लिखित शिकायत भेजी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
जब उन्होंने स्थानीय शाखा में जाकर इस पर बात की, तो उन्हें धमकी दी गई कि यदि उन्होंने ज्यादा विरोध किया तो उनका लोन रद्द कर दिया जाएगा और पूरी राशि तत्काल लौटाने या संपत्ति जब्त करने के लिए कहा जाएगा।
अब कौर को डर है कि वे अपनी संपत्ति खो सकती हैं क्योंकि एडेलवाइस ने उन्हें “नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स” (NPA) का नोटिस भेज दिया है।
कौर ने मालवणी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करानी चाही, लेकिन पुलिस ने कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया और केवल एक गैर-संज्ञेय अपराध (NC) दर्ज किया।
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Edelweiss ने कौर की आवाज दबाने की कोशिश की
जब कौर ने सोशल मीडिया पर एडेलवाइस की भ्रष्ट गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाई, तो कंपनी ने उन्हें मानहानि का नोटिस भेज दिया। कंपनी ने धमकी दी कि यदि उन्होंने चुप्पी नहीं साधी, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एडेलवाइस ने कौर के खिलाफ पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स एक्ट, 2007 की धारा 25 के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया। यह मुकदमा कोलकाता की अदालत में दायर किया गया, जबकि कंपनी का मुख्यालय और कौर की संपत्ति मुंबई में है।
कंपनी ने कौर पर और दबाव डालने के लिए नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 (बाउंस हुए EMI चेक से संबंधित) के तहत कोलकाता और अहमदाबाद की अदालतों में मुकदमे ठोक दिए।
इतना ही नहीं, एडेलवाइस ने कौर के बैंक खाते पर ₹70,000 का ‘अपर्याप्त धनराशि’ शुल्क लगवा दिया। इसके लिए उन्होंने रज़ोरपे (Razorpay) ऑनलाइन पेमेंट लिंक का दुरुपयोग कर EMI के लिए भुगतान की जबरन मांग की, जबकि वह EMI अभी देय नहीं थी।
लेकिन दलजीत कौर ने हार नहीं मानी।
कोलकाता की अदालत ने एडेलवाइस की याचिका को खारिज कर दिया। कोलकाता में कौर जीत गईं, एडेलवाइस हार गया। अहमदाबाद में अभी सुनवाई बाकी है।
क्या RBI Edelweiss की भ्रष्ट गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है?
कौर ने एडेलवाइस के खिलाफ भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और ऋण वसूली अधिकरण (DRT), मुंबई में कई शिकायतें दर्ज करवाई हैं।
स्प्राउट्स SIT ने एक और चौंकाने वाली जानकारी उजागर की—कई अन्य व्यवसायियों ने भी राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) में एडेलवाइस के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई हैं।
स्प्राउट्स ने एडेलवाइस ग्रुप के चेयरमैन राशेष शाह से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वे उपलब्ध नहीं थे।
Edelweiss ARC आखिर है क्या?
एडेलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (EARC) एडेलवाइस ग्रुप का हिस्सा है। यह एक वित्तीय कंपनी है, जो होम लोन और स्टार्टअप्स को ऋण प्रदान करती है। ग्रुप म्यूचुअल फंड, वैकल्पिक परिसंपत्तियों, एसेट रिकंस्ट्रक्शन और बीमा जैसे व्यवसायों में भी शामिल है