• छात्रों के संघर्ष में स्प्राउट्स टीम उनके साथ खड़ी
उन्मेष गुजराथी
स्प्राउट्स न्यूज़ नेटवर्क
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने जूनियर इंजीनियर (JE) और सेकंडरी इंजीनियर (SE) पदों की 2024 की भर्ती प्रक्रिया का जिम्मा इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन (IBPS) को सौंपा है। लेकिन इस परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। IBPS के पास महाराष्ट्र भर में अपने परीक्षा केंद्र नहीं हैं, जिसके चलते निजी कंप्यूटर सेंटरों का चयन किया गया है। यह चिंता का विषय इसलिए बन गया है क्योंकि अतीत में इन्हीं निजी केंद्रों पर हुई कई परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और धांधली सामने आ चुकी है। पुलिस विभाग, वन विभाग, म्हाडा, महिला एवं बाल विकास (WCD) और तलाठी भर्ती जैसी परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों ने निजी केंद्रों की खामियों को उजागर किया है।
• छात्रों की मांग: परीक्षा हो TCS iON डिजिटल सेंटर्स पर
इस महत्वपूर्ण भर्ती परीक्षा में शामिल हो रहे छात्र अब मांग कर रहे हैं कि आगामी चरणों की परीक्षा TCS iON डिजिटल सेंटर्स में कराई जाए, जो सरकारी मान्यता प्राप्त हैं और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था से लैस हैं। 9 फरवरी को आयोजित परीक्षा का पहला चरण निजी केंद्रों पर हुआ, जिससे संभावित अनियमितताओं को लेकर छात्रों की चिंता बढ़ गई है। यह भर्ती प्रक्रिया लगभग पाँच साल बाद हो रही है, इसलिए परीक्षार्थी एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं, ताकि परीक्षा की विश्वसनीयता बनी रहे।
• परीक्षा केंद्र आवंटन में अनियमितता
छात्रों ने आवेदन फॉर्म भरते समय अपनी पसंद के परीक्षा केंद्र चुने थे, लेकिन अधिकांश छात्रों को दूरदराज के अन्य केंद्रों पर भेज दिया गया। इस मनमाने आवंटन से छात्रों के मन में धांधली की आशंका बढ़ गई है। पूर्व में निजी परीक्षा केंद्रों पर बड़े पैमाने पर डिजिटल नकल, हेराफेरी और अनुचित साधनों का उपयोग होता रहा है। ऐसे में बीएमसी भर्ती परीक्षा में भी इसी तरह की गड़बड़ियों की आशंका को बल मिल रहा है। जबकि सरकारी मान्यता प्राप्त परीक्षा केंद्र उपलब्ध हैं, फिर भी निजी केंद्रों को प्राथमिकता देना हजारों अभ्यर्थियों के साथ अन्याय माना जा रहा है।
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• सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
छात्र समुदाय सरकार से गुहार लगा रहा है कि आगामी परीक्षा चरणों को तुरंत TCS iON डिजिटल सेंटर्स में स्थानांतरित किया जाए। इससे न केवल निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित होगी, बल्कि परीक्षा प्रणाली में छात्रों का विश्वास भी बहाल होगा। अतीत में निजी परीक्षा केंद्रों पर हुई धोखाधड़ी को देखते हुए यह मांग पूरी तरह जायज है।
• स्प्राउट्स छात्रों के साथ खड़ा है
स्प्राउट्स हमेशा भ्रष्टाचार को उजागर करने और छात्रों के न्याय की लड़ाई में सबसे आगे रहा है। हमारा मानना है कि हर परीक्षार्थी को पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा प्रक्रिया का अधिकार है। प्रशासन को त्वरित कदम उठाने चाहिए ताकि उन हजारों छात्रों की मेहनत बर्बाद न हो, जो वर्षों से इस अवसर के लिए तैयारी कर रहे हैं।
स्प्राउट्स छात्रों की समस्याओं को उजागर करता रहेगा और इन्हें संबंधित अधिकारियों तक पहुँचाने का कार्य करता रहेगा। परीक्षा घोटालों के खिलाफ यह लड़ाई जारी रहेगी, और हम हमेशा छात्रों के न्याय की लड़ाई में उनके साथ खड़े रहेंगे।
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“अगर फिर कोई घोटाला होता है, तो क्या इसकी ज़िम्मेदारी कमिश्नर लेंगे?”
“पिछले घोटालों के चलते जिन निजी केंद्रों पर परीक्षाएँ रद्द करनी पड़ी थीं, उन्हीं केंद्रों पर फिर से परीक्षा कराकर मुंबई महानगरपालिका राज्य के लाखों युवाओं को क्या संदेश देना चाहती है?”
— धनसंजय शिंदे, आम आदमी पा